कांदा हा मराठी स्वयंपाकघरातील अत्यावश्यक पदार्थ आहे, पण त्याचे बाजारभाव सध्या शेतकरी आणि ग्राहक दोघांनाही विचारात टाकत आहेत. १८ सप्टेंबर २०२५ रोजी महाराष्ट्रातील विविध बाजार समित्यांमध्ये कांद्याच्या दरात मोठी विविधता दिसून आली. काही ठिकाणी दर २२०० रुपये प्रति क्विंटलपर्यंत पोहोचले, तर काही ठिकाणी ते १०० रुपयांपर्यंत खाली घसरले. या चढ-उतारामागील कारणे आणि शेतकऱ्यांसाठी याचा अर्थ काय, याचा आपण आढावा घेऊया.
बाजारातील ताजी आकडेवारी
महाराष्ट्रातील प्रमुख बाजार समित्यांमधील कांद्याचे दर आणि आवक याची माहिती खालीलप्रमाणे आहे. ही आकडेवारी शेतकऱ्यांना आणि व्यापाऱ्यांना आपला व्यवसाय नियोजनात मदत करेल.
| बाजार समिती | जात/प्रत | परिमाण | आवक | कमीत कमी दर | जास्तीत जास्त दर | सर्वसाधारण दर |
|---|---|---|---|---|---|---|
| कोल्हापूर | — | क्विंटल | ३०६८ | ४०० | १८०० | ९०० |
| अकोला | — | क्विंटल | १२५ | ६०० | १५०० | १२०० |
| छत्रपती संभाजीनगर | — | क्विंटल | ४३९० | ४०० | १२०० | ८०० |
| चंद्रपूर – गंजवड | — | क्विंटल | २०० | १५०० | २००० | १८०० |
| मुंबई – कांदा बटाटा मार्केट | — | क्विंटल | ७३८३ | ९०० | १४०० | ११५० |
| खेड-चाकण | — | क्विंटल | ४०० | १००० | १६०० | १४०० |
| सातारा | — | क्विंटल | १२६ | १००० | २००० | १५०० |
| सोलापूर | लाल | क्विंटल | १५०६५ | १०० | २२०० | ११०० |
| नागपूर | लाल | क्विंटल | १८०० | १००० | १६०० | १४५० |
| सांगली – फळे भाजीपाला | लोकल | क्विंटल | ३४०५ | ५०० | १८०० | ११५० |
| पुणे | लोकल | क्विंटल | ९५७२ | ४०० | १६०० | १००० |
| पुणे – पिंपरी | लोकल | क्विंटल | ४ | १५०० | १५०० | १५०० |
| पुणे – मोशी | लोकल | क्विंटल | ९५१ | ५०० | १५०० | १००० |
| कर्जत (अहमदनगर) | लोकल | क्विंटल | १९ | ३०० | १२०० | ३०० |
| वाई | लोकल | क्विंटल | २० | १००० | १८०० | १५०० |
| नागपूर | पांढरा | क्विंटल | १००० | १४०० | २००० | १८५० |
| येवला | उन्हाळी | क्विंटल | ४००० | २०० | १३७६ | ८५१ |
| येवला – आंदरसूल | उन्हाळी | क्विंटल | ३०० | १०० | ९५१ | ८७५ |
| लासलगाव | उन्हाळी | क्विंटल | ६३३६ | ५०० | १७०० | ११७५ |
| लासलगाव – विंचूर | उन्हाळी | क्विंटल | ३५०० | ४०० | १४२० | ११५० |
| मालेगाव – मुंगसे | उन्हाळी | क्विंटल | १३५०० | २०० | ११८० | ९७० |
| चांदवड | उन्हाळी | क्विंटल | ८००० | ४५० | १३७१ | ११०० |
| मनमाड | उन्हाळी | क्विंटल | १५०० | ३०० | १३६१ | ११०० |
| पिंपळगाव बसवंत | उन्हाळी | क्विंटल | ११७०० | ४०० | १७८१ | १२०० |
| भुसावळ | उन्हाळी | क्विंटल | ९ | ५०० | १००० | ८०० |
| देवळा | उन्हाळी | क्विंटल | ५३५० | २०० | १५०० | ११५० |
| अकलुज (१७/०९/२०२५) | — | क्विंटल | २४५ | २०० | १४०० | १००० |
| कोल्हापूर (१७/०९/२०२५) | — | क्विंटल | २८६६ | ४०० | १९०० | ९०० |
कांदा बाजारातील चढ-उतार का?
कांद्याच्या दरातील हे चढ-उतार अनेक कारणांमुळे होत आहेत. यंदा पावसामुळे काही भागात कांद्याचे पीक खराब झाले, तर काही ठिकाणी आवक जास्त झाल्याने दर कमी झाले. उदाहरणार्थ, सोलापूरमध्ये १५,०६५ क्विंटल कांद्याची आवक झाली, आणि दर २२०० रुपयांपर्यंत पोहोचले. दुसरीकडे, कर्जत (अहमदनगर) मध्ये केवळ १९ क्विंटल आवक झाल्याने दर ३०० रुपये इतके कमी राहिले. शेतकऱ्यांना याचा फटका बसत आहे, कारण कमी दरामुळे त्यांचा नफा कमी होतो, तर ग्राहकांना काही ठिकाणी जास्त किंमत मोजावी लागते.
शेतकऱ्यांसाठी उपाययोजना
- साठवणूक सुधारणा: कांद्याची योग्य साठवणूक केल्यास दरातील चढ-उतार कमी होऊ शकतात. शेतकऱ्यांनी आधुनिक कोल्ड स्टोरेज सुविधांचा वापर करावा.
- बाजार माहिती: बाजार समितीतील ताज्या दरांची माहिती नियमितपणे तपासावी, जेणेकरून योग्य वेळी कांदा विक्री करता येईल.
- गटशेती: शेतकऱ्यांनी एकत्र येऊन गटशेतीचा अवलंब केल्यास त्यांना बाजारात चांगली किंमत मिळू शकते.
भविष्यातील शक्यता
पुढील काही आठवड्यांत कांद्याच्या दरात स्थिरता येण्याची शक्यता आहे, पण त्यासाठी हवामान आणि बाजारातील मागणी यांचा समतोल राखणे गरजेचे आहे. शेतकऱ्यांनी आणि व्यापाऱ्यांनी सतर्क राहून बाजारातील बदलांवर लक्ष ठेवावे. मराठवाडा आणि विदर्भातील शेतकऱ्यांसाठी हा काळ विशेष लक्ष देण्याचा आहे, कारण या भागात कांद्याची मोठी बाजारपेठ आहे.
तुम्हाला या कांदा बाजारातील बदलांबद्दल काय वाटते? खाली कमेंट करा आणि तुमचे मत आमच्यासोबत शेअर करा!









